कोशिश से कामयाबी तक (कहानी) प्रतियोगिता हेतु02-Apr-2024
दिनांक- 02,0 4,202 दिवस- मंगलवार प्रदत्त विषय- कोशिश से कामयाबी तक (कहानी) प्रतियोगिता हेतु
राम और श्याम दोनों सगे भाई थे दोनों पढ़ने में अच्छे थे लेकिन पता नहीं कैसे उनका इकाई परीक्षा-1में परिणाम अच्छा नहीं आया। अपने परिणामों को देखकर दोनों भाई बड़े ही दुखी हुए। राम अपनी असफलता को देखकर निराश हो गया, वह श्याम से बोला हम लोग इतना पढ़ने के बाद भी 50% नंबर ही अर्जित कर पा रहे हैं तो इसका मतलब हम लोग कभी भी अच्छे नंबर नहीं पा सकेंगे और अब हम लोगों को पढ़ाई करने से कोई फ़ायदा नहीं है।
इस तरह से राम के अंदर नकारात्मकता घर कर गई ।नकारात्मकता का घर करना राम को और भी कमज़ोर बनाता चला गया। अच्छे अंक अर्जित करने के लिए राम ने कोशिश करना ही छोड़ दिया। जबकि श्याम ने राम से कहा मेरे भाई एक बार कम अंक आने का मतलब यह नहीं है कि हमें जीवन से हार मान लेना चाहिए, हमें सकारात्मकता को त्याग देना चाहिए। ठीक है हो सकता है इस बार हम लोगों ने सही से पढ़ाई नहीं किया हो या हम लोग चीजों को समझ न पाए हों। दूसरे टेस्ट में फिर से कोशिश करेंगे और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे अच्छे अंक अवश्य आएंँगे। हम अच्छे अंक अर्जित करने में अवश्य कामयाब होंगे। लेकिन राम पूरी तरह निराश हो चुका था निराशा का परिणाम हुआ कि अगले टेस्ट में उसके और भी कम नंबर आ गए। किंतु श्याम अनवरत सकारात्मक ऊर्जा के साथ पढ़ाई में लगा रहा और अगले टेस्ट में उसका पिछले टेस्ट से अच्छा नंबर आया। यही प्रक्रिया पूरे वर्ष चलती रही राम हर परीक्षा में पहले से भी नीचे जाता रहा और श्याम हर परीक्षा में पहले से ऊपर आता रहा।
अंत में जब वार्षिक परीक्षा का समय आया तब श्याम ने राम को समझाया राम मेरे भाई!अपने अंदर की निराशा, नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मक हो अपने ऊपर विश्वास कर, कोशिश कर। मुझे विश्वास है तेरी कोशिश तुझे कामयाबी अवश्य दिलाएगी।और अच्छे से पढ़ाई कर देख मैं अच्छा कर आ रहा हूंँ न, तू भी अच्छा कर लेगा लेकिन राम के अंदर श्याम के समझाने का कोई असर नहीं हुआ। उसके अंदर निराशा ने ऐसा स्थान बना लिया था कि वह अपने आप को सकारात्मक कर ही नहीं पा रहा था। परिणाम यह हुआ कि परीक्षा भवन में ही राम को चक्कर आने लगा, उल्टियांँ होने लगीं और उसका पेपर छूट गया। पहले भी उसके अच्छे अंक नहीं थे अतः वह कक्षा में अनुत्तीर्ण हो गया।
जबकि श्याम ने पूरे मेहनत और विश्वास से परीक्षा की तैयारी किया, परीक्षा दिया और अच्छे अंकों से अपनी कक्षा को पास कर अगली कक्षा में प्रवेश किया।
इस कहानी से हम यही सीख मिलती है कि कामयाबी उसे ही मिलती है जो कोशिश करता है जो एक बार असफल हो जाने पर खुद की किस्मत को या ईश्वर कोसते हुए निराश हो जाता है, अपने अंदर के विश्वास को खो देता है, वह जीवन में असफल हो जाता है।
अतः यदि हमें जीवन में कामयाब होना है तो कोशिश के दामन को मजबूती से पकड़ कर रखना होगा। फिर देखिए दुनिया की ऐसी कोई ताकत नहीं है जो हमें कामयाब होने से रोक ले।
साधना शाही, वाराणसी
Mohammed urooj khan
16-Apr-2024 12:10 AM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
11-Apr-2024 03:56 PM
बेहतरीन
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kashish
07-Apr-2024 10:31 AM
Awesome
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